Monday 7 July 2014

जीवन बीत चला

कल कल करते आज
हाथ से निकले सारे
भूत भविष्यत की चिंता में
वर्तमान की बाज़ी हारे...

पहरा कोई काम न आया
रसघट रीत चला
  जीवन बीत चला...

हानि लाभ के पलड़ों में 
तुलता जीवन व्यापार
हो गया...

मोल लगा बिकने वालो का 
बिना बिका बेकार हो गया

मुझे हाट में छोड़ अकेला
एक एक कर मीत चला...

   जीवन बीत चला | 

By Atal Bihari Vajpayee ji

Tuesday 24 September 2013

कुछ और है...

बहुत कश्काश भरी है ज़िन्दगी की राहें
  दौड़ता कोई और है और थकता कोई और है...

कुछ यु उलझे  है अरमानो के रिश्ते
  पुकारते किसी और को है सुनता कोई और है...

बढ जाते है फासले दिलो के
  जब कोई कहता कुछ और है और कोई समझता  कुछ  और है...

इस कदर बदला है हवा ने रुख अपना
  आग लगती कही और है और धुआ उठता कही और है...

लौट आता है बारिशो का मौसम 
  जब रोता कोई और है और भीगता कोई और है...

मुश्किल सी हो जाती है अक्सर 
  जब मन चाहता कुछ और है और दिल करता कुछ और है...

हकीकत की दुनिया से वाकिफ  है सब यहाँ 
  जहा दीखता कुछ और है और होता कुछ और है......!!!





Tuesday 10 September 2013

राह



किस राह पे हम आज यूँ ही चलने लगे हैं ?
दुनिया के रंग में क्यूँ ढलने लगे हैं?

मोम का जिगर है तो बचें जी आग से,
हाय ! क्या करें जो आह से पिघलने लगे हैं ....

गरूर था कि सबको भी अपने सा बना देंगे,
अब ख़ुद को देख , हाथ अपने मलने लगे हैं ...

बताये ये कोई हमें , क्या ठीक , क्या ग़लत है?
फिर ज़िन्दगी के दांव पेंच चलने लगे हैं ....


जी चाहता है आज लिखें यक नया फ़साना ,
आ आ के लफ्ज़ कागजों पे टलने लगे हैं ....

चल फिर कोई ठोकर लगा, कर दे लहू लुहान,
ए ज़िन्दगी हम आज फिर संभलने लगे हैं |

Thursday 11 October 2012

वक़्त



   हर  वक़्त अपनी  कहानी  छोड़ जाता है

   कभी ख़ुशी तो कभी आंसु छोड़ जाता है

   हर मिलन एक जुदाई छोड़ जाता है 

   कुछ बिछड़ते है रास्तो में 

   तो कोई...

Monday 19 March 2012

ज़िन्दगी

ज़िन्दगी तुझको फिर मनाने निकले
हम भी किस दर्जे के दीवाने निकले
कुछ तो दोस्त थे काफिले में मेरे
कुछ मेरे दुश्मन पुराने निकले
कुछ बेगाने अपने
तो कुछ अपने बेगाने निकले
मुश्किलों का हैं  शौक हमे
कितने नादान थे वो

जो हमे आजमाने निकले
बेबरसात हैं यें ज़िन्दगी
खुद से मिलने के बहाने निकले

इन  अंधेरो में जीते  कब तक
अब खुद ही शमा  जलाने निकले
भूल के  सारे दर्द गम  को
हम तो बस मुस्कुराने निकले
ज़िन्दगी का  साथ  निभाने  निकले |

Wednesday 15 February 2012

Yaad

Khamoshi  me  bhi  aawaz  sunai  deti  h
Yaad aate h jb gujre zamane to tanhai me bhi ek hassi sunai detih...

Na ho saath dosto ka to hari bhari vadiya bhi viran dikhai deti h
Seh  liye  the  her  gum  bhi   hasker   saath   tumhare   a   dosto 
Per   aaj  bin  tumhare  her  khushi    bhi  adhuri  dikhai  deti  h...

Nam  ho  jati  h  aankhe  yaad  krke  vo  pal  suhane
Aankh band ker lu to in aankho me dost tasveer teri dikhai deti h...!!!

Sunday 22 January 2012

कुछ याद रखना....


ज़िंदगी की राह मे वो शाम याद रखना 
वो पहेली मुलाकात ऑर फिर वो बिछड़ जाना साथ गुजरे वो पल याद रखना...


चाहे खुशियो में मुझे भूल जाना पर गम मे मेरी दुआएं याद रखना
दुनिया की इस भीड़ मे चाहे मेरा नाम  भूल जाना पर ये चेहरा याद रखना...


राह मे कभी मिलो तो अजनबी बन कर न निकल जाना देख  के हमे मुस्कुराना ये बात याद रखना
पहला नज़राना हें ये दोस्तो के नाम मेरा ये नज़राना याद रखना...


ज़िंदगी का सफर न जाने कब थम जाए
हम कल न भी रहे तो ये मेरे बोल याद रखना...!!!