Monday, 7 July 2014

जीवन बीत चला

कल कल करते आज
हाथ से निकले सारे
भूत भविष्यत की चिंता में
वर्तमान की बाज़ी हारे...

पहरा कोई काम न आया
रसघट रीत चला
  जीवन बीत चला...

हानि लाभ के पलड़ों में 
तुलता जीवन व्यापार
हो गया...

मोल लगा बिकने वालो का 
बिना बिका बेकार हो गया

मुझे हाट में छोड़ अकेला
एक एक कर मीत चला...

   जीवन बीत चला | 

By Atal Bihari Vajpayee ji